My Father Essay In Hindi | पिता पर हिन्दी में निबंध

My Father Essay In Hindi

By Praveen Kalyan


My Father Essay In Hindi :आज हम बात करेंगे मेरे पिता पर निबंध जिसे छोटी क्लास के स्टूडेंट से अक्सर जरुरत होती है। इससे आप आईडिया ले सकते है अपने स्कूल या कॉलेज के किसी भी प्रोजेक्ट के लिए। तो अब हम इस टॉपिक पर निबंध लिखना शुरू करते है।

प्रस्तावना –

हर किसी के जीवन में अपने पिता के लिए बहुत ही आदर होता है और माता – पिता हम सब के लिए सबसे खास होते है। अपने पिता को देखकर हम अपने वक्तित्व, अपने विचार इतना ही नहीं अपना जीवन भी अच्छा बनाते है। पिता अपने को अलग – अलग शिक्षा और कई बाते सिखाते है।

मेरे पिता की खूबियां

मेरे पिता मेरे लिए सबसे प्रिय और आदर्श है। जिनसे मुझे काफी कुछ सीखने को मिला है।

मेरे पिता हमेशा सुबह जल्दी उठते है। इनकी बात जो ये अक्सर दोहराते है वो यह है की ” हमें अपने शरीर के लिए रोजाना कम से कम 1 घंटा तो निकलना ही चाहिए। ” जिससे की हम सब healthy रहें और Fit रहें।

जब हम फिट रहते है तो हम किसी भी काम को अच्छे तरीके से कर सकते है। इसके आलावा हमारे विचार भी हमारे खाने पर भी निर्भर करते है। हम अगर अच्छा खाना खाते है तो अच्छे विचार आते है। यह कहने की नहीं बल्कि सही बात है।

इसिलए किसी को गुस्सा ज्यादा आता है तो उसे सुबह ठंडा खाना खाने को खा जाता है। एक कहावत भी है जैसा पानी वैसी वाणी। ये सब तो हो गयी खाने की बात।

उनकी दिनचर्या

मेरे पिता आने आप को स्वस्थ रखने के लिए हमेशा सुबह जल्दी उठना, व्यायाम करना और सुबह घूमने के लिए जाते है। यह सब खुद को फिट रखने के लिए जरुरी है। इसके साथ ही वह समय के बड़े पाबंद है। समय पर Office जाना और सारे काम करते है। इसके साथ हमे भी समय पर स्कूल जाने और आपने काम करने के लिए कहते है।

Morning Running
Morning Running

सयंम

वे हमेशा यह भी सिखाते है की हमें संयम रखना चाहिए। क्युकी जब हम सयंम रखते है तो हमारा कोई भी काम होता है वो सही तरीके से होता है। सब्र रखना किसी भी कार्य को करने के लिए जरुरी होता है। इसके लिए भी कहावत है की सब्र का फल मीठा होता है।

अनुशाशन

अनुशासन यह भी एक जरुरी गुण है जो की मेरे पिता से मुझे सिखने को मिलता है। वह सभी कार्य अनुशासित तरीके से करते है। जैसे सुबह समय पर उठना, समय पर सरे काम करना। अगर आप खुद को अनुशासित नहीं कर सकते है खुद को काबू नहीं कर सकते है तो आपको सफलता मिलना नामुमकिन है। इसीलिए खुद को अनुशासित करना सीखिए।

प्रेम

मैंने अक्सर देखा है मेरे पापा सब से प्रेम से हंस के बात करते है। प्रेम से सभी से बात करना चाहिये। क्युकी यह एक ऐसा तरीका है जिससे की कोई भी आसानी से आप से जुड़ना चाहेगा और आपसे बात करना चाहेगा। इससे सभी काम भी अच्छे मूड से जल्दी और सकारात्मक तरीके से होता है।

माफ़ करना

मेरे पिता यह भी अक्सर कहते और आपको को भी अपने बच्चों को भी यही सीखना चाहिए। माफ़ करना बहुत ही जरुरी है। अगर किसी से किसी भी प्रकार की गलती होती है। तो आप में हिम्मत होनी चाहिए की आप उसको माफ़ कर सकें। माफ़ी का यह गुण आपको महान भी बनता है।

भगवान गौतम बुद्ध भी कहते है की ” कोई भी गलती इतनी बड़ी नहीं होती की आप उसे माफ़ नहीं कर सकते, बस आपमें उसे स्वीकार करने की हिम्मत होनी चाहिए। ”

राधा स्वामी सत्संग में , बाबा जी कहते है ” आप अगले को माफ़ करेंगे तो भगवान् आपको माफ़ करेगा, आप किसी के लिए गिला सिकवा करेंगे तो भगवान् आपके साथ गिला सिकवा करेगा। ”

“आप किसी के साथ गलत मत करो मैं तेरे साथ गलत होने नहीं दूंगा।

यह सब मेरे पापा ने मुझे सिखाया है। यह बहुत ही अच्छी शिक्षा है जो आजकल के बच्चो में बहुत ही कम देखने को मिलती है।

सबका अच्छा करना

मेरे पिताजी यह सिखाते है की हमें हमेशा सबका अच्छा करना चाहिए। क्युकी एक बात जो महान विद्वानों ने भी कही है की ” जैसा कर्म वैसा फल “ . यह सही बात भी है।

जो व्यक्ति यह मानता है की ( यह बात बहुत ही जरुरी है ) ” मेरा कर्म ही मेरा भाग्य है “ उस व्यक्ति को जरूर सफलता मिलेगी। वह कामयाब भी होगा। इसीलिए आपको हमेशा सबका अच्छा करना है.

जब आप के साथ सब कुछ अच्छा चल रहा होता है तो आप अच्छा करते है। लेकिन जब आपके साथ परिस्तिथि बुरी या गलत होती है। तब भी आपको सबके साथ अच्छा करना होता है।

जब आप अच्छा करते है तब आपके साथ अच्छा ही होता है। यह बात मेरे पिताजी ने मुझे अच्छे तरीके से समझाई है।

अच्छे सम्बन्ध के लिए क्या चाहिए

अगर आपको किसी के साथ भी अगर अपना रिश्ता बरक़रार रखना है तो आपको हमेशा उसकी तारीफ करनी होगी। अगर आप किसी के बारे में अच्छा सोचते है उसके बारे में अच्छी बातें करते है तो आपको सिर्फ अच्छा ही दिखेगा और आप अगर किसी का बुरा सोचते है किसी के लिए बुरी बातें सोचते है तो आपको उसके बारे में सिर्फ बुरा ही दिखेगा।

अगर आपको किसी के लिए अपना रिश्ता सही से रखना है ख़ुशी के साथ रहना चाहते हो तो , आप एक काम कीजिये एक कॉपी में उस इंसान के लिए सिर्फ अच्छा लिखिए। अच्छी बात से मतलब यह है की आप उसकी अच्छी बातों की लिस्ट बनाइये। जो बात आपको खुश करती है। जो बातें आपको हंसाती है।

आपके ऐसा करने से आपको सिर्फ उसकी अच्छी बातें ही याद रहती है। यह सब करने से आपका रिश्ता अच्छा होता जाता है। यह बहुत ही अच्छी शिक्षा है।

निष्कर्ष : My Father Essay In Hindi

यह सब बातें मेरे पिताजी ने मुझे सिखाई है। जिससे मैंने अपने जीवन मे अमल में लाने की कोशिश करता रहता हूँ। इन सब गुणों के कारण मेरे पिताजी मेरे सबसे प्रिय है। वो मुझे अपने दोस्त की तरह ही मानते है। उम्मीद है आपको यह लेख My Father Essay In Hindi अच्छा लगा होगा, यह लेख काश बच्चो के लिए भी फायदेमंद हो।

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